सुधा मिश्र ।
विश्व कोरोना महामारी सनके संकट सँ गुजैर रहल छ।चारु दिस सबतर्फ कोरोना वायरसके डर त्रास सँ लोक कअक जीयब मुश्किल भगेल छै। घरमे रहु सुरक्षित रहु इयाह कोरोना सँ बचके अचुक दबाई छै। ताय देशमे लकडाउन कायलगेल छै।लेकिन लकडाउनके वजह सँ बहुतो जन बोनिहार अा मजदुर जे दिनमे कमाक अपन घरपरिवारके गुजारा करैत छल हुनकर सभहक जीयब बहुत कठिन आ पीडादायक भगेल छै। ओना त सरकार द्वारा राहत वितरण त भरहल छै मुदा ओकरा नयाँ ढंग सँ विशेष प्रभावकारी बनेनाई जरुरी छै।
नेपालक अर्थव्यवस्था दबावमे छै।कोरोना महामारी के बीच सरकार के सोचि समझैक खर्च करके छै। लेकिन अो लोक जे विपन्न छै,असहाय छै,जकर लकडाउनके चलते रोजीरोटी बन्द छै जकर पति बेटा विदेश भेलाक कारण पैसा नहि आबिरहल छै हुनकर सभके मदद कटौती नहीं होबाक चाहिँ । हुनका सभके अखन सरकारी मददके बहुत जरूरत छै।बहुत सेक्टर्स आ बहुत जनसंख्याके तत्काल मदद के जरूरत छै। कोरोना महामारी सँ बचके लेल सरकार द्वारा लकडाउन घोषित छै । लॉकडाउन के वजह सँ देश में सबकिछु ठप छै। जाहि सँ बहुतो लोगके रोजी-रोटी जा चुकल छै। बेरोजगारी बड़का समस्या बनल जा रहल छै।बहुत संवेदनशील समय छै। केतेको घरमे चुल्ही कोना पजरत तकर समस्या छै।ताय सरकारके अखनके जे डिलीवरी सिस्टम छै ताहिमे बदलाव होनाई जरुरी छै। जाहितरह सँ लॉकडाउन तोड़के मामला सामने आबि रहल छै अहिमें मजबूरी के साथ-साथ जोखिम सेहो छै।लेकिन जे लोग लॉकडाउन तोड़ि रहल छै ओकर जरूरतके ध्यान में राखिक जल्दी आगु बढके जरूरत छै।
स्कूल बंद छै ताय स्कूलमे देलगेल राहत बच्चा के घर तक पहुंचाबके व्यवस्था होबाक चाहिँ। बाहरके मजदुर जे अत काजकरहल छल आ घर सँ बाहर रहवाला लोकके लेल पब्लिक कैंटीन के व्यवस्था होबाक चाहि।इ व्यवस्थाके तुरंत परोपकारी संस्था सबके मदद सँ शुरू केल जाय सकै छै।
सरकारके लकडाउन सँ प्रभावित ओहि गरीबके तुरंत कैश ट्रांसफर करबाक चाहि जिनकर रोजी-रोटी लॉकडाउन खुललाके बादो शुरू होबके संभावना नहि छै।रबी राई तैयार छै ओइके सरकार के खरीदारी के बारे में फैसला लेब परलै।सँगही अगिला फसलके लेल पैसा आउर खादके जरूरत पडतै तकर व्यवस्था सरकारके करबाक चाहिँ। प्रदेश सरकारके केंद्र सरकारसँ मिलवाला फंड सेहो समय पर आबक चाहि।प्रदेशके सेहो गरीब तकि मदद तुरंत पहुंचाबके बारे प्लान तैयार करबाक चाहि। जहां तकि उद्योग के बात छै त किछु इंडस्ट्रीजके मदद के जरूरत छै। आब सरकारके सोचके समय आबिगेल छै जे बेसी प्रभावित इंडस्ट्रीज के केना मदद कायल जाय ?अगर सरकार द्वारा अहि परिस्थितिमे अहि समस्या सबके गंभिर रुप सँ लेलापर बहुत हद तक जनताके राहत महसुस हेतै।जनताके दुख दर्द कम होबके सँगे अगामि आबबला समस्या सँ सेहो बहुत रास छुटकारा मिलतै।