सुधा मिश्र ।

दीपं ज्योति परम् ज्योति, दीप ज्योतिर्जनार्दन:। दीपो हरतु मे पापम् , दीपज्योतिर्नमोस्तुते।। “शुभम् करोति कल्याणम् आरोग्यम् धन सम्पदा शत्रुबुद्धि विनाशाय दीपज्योति नमोस्तुते।।” दीप शुभ आउर मंगलके प्रतीक छै।कल्याणकारी छै। दीप जरेलाय सँ र‍ोग मुक्त होइत छै। वातावरण स्वच्छ होइत छै।
दीप जरेलाय सँ नकारात्मक उर्जा दुर होइत छै आ सकारात्मक के वृद्धि होइत छै। पवित्र तरंग वातावरणके प्रफुल्लित- प्रकाशित करैत छै। ताहुमे घी वाला दीप त मिझेलाक बादो किछु घंटा तैक सात्विक उर्जा दैत रहै छैक। मानव शरीरमे सात चक्र समावेश छै आ ई बहुतो रंगके उर्जाके उत्पन्न करबाक काज करैत छै सँगमे मनुष्यके तन, मन एवम् मस्तिष्कके नियंत्रित रखैत छै।
ज्योतिषशास्त्र अनुसार आजु 5 अप्रिल 2020 तथा 23 चैत 2076 चैत शुक्ल द्वादशी रविदिन अतयन्त पवित्र , शुभ, आरोग्य, समृद्ध, पुरशार्थ बढबबाला  7 बाजिक 7 मिनट सँ 9 बाजिक 9 मिनेट धरिक समय अतयन्त शक्तिशाली आ महत्त्वपूर्ण मानव कल्याणके लेल मानल गेल अछि। इ समयमे मंगलके प्रभाव दुगुना रहैत छै। मंगल साहस,पराक्रम ,एकजुटता आउर एकाग्रताके प्रतीक होइत छै।आदमीक उच्च इच्छा शक्ति आर शारीरिक प्रतिरोधात्मक क्षमताके बढबै छै। जै सँ मनुष्य केहनो समस्या सँ उबैर सकैत अछि। आजुक दिन चंद्रमा सिंह राशिमे प्रवेश करैत छै।सिंह सुरुजके प्रतीक छै आ अकर सम्बन्ध प्रकाश  आउर शक्ति सँ छै।शास्त्र अनुसार इ संयोग दुर्लभ छै आ अपना सभके प्राप्त भेल अछि। ताय दीप प्रजव्लनक मानव कल्याणके लेल अग्रसर होउ।

दीपक इजोत एकटा अलौकिक घेरा आ आभामंडल बनबैत छै। आभामंडलमे संवाद सुन्दर होइत छै।जाहि सँ सकारात्मक उर्जा उत्पन्न होइत छै । दीप आगिके प्रतीक होइत छै । आगि प्रकाश आ जीवनक स्रोत छै।अादमीके सेहो देखलेल प्रकाशके जरुरत परैत छै। जिन्गीके आगि सेहो कहल जाइत छै। मनुष्यके भित्तरके जिन्गीके आगि मनुष्यके सक्रिय रखैत छै। अहि पृथ्वी पर जीवनक मूल चीज सुरुज सेहो आगिके प्रतीक अछि। दीप होय या बल्ब होय या ट्यूब होय या टर्च होय सब आगिके प्रतीक छै। चलु सभकेउ मिलि संग दीप बारिकसकारात्मक उर्जाके ग्रहण करी।
दीपके बहुत गहिर सम्बन्ध विज्ञान सँ छै। अकर सिधा सम्बन्ध योग वशिष्ठके छठम् अध्याय सँ संबंधित छै। पदम् श्री अवार्डी आउर इंडियन मेडिकल एसोसिएसनके पूर्व अध्यक्ष डा के के अग्रवालके कहब छन्हि जे छठम् अध्याय सामुहिक चेतनाके सिद्धान्तके बारेमे छै।” 95% मनुष्य उवाह करैत छै जे 5% मनुष्य सोचैत छै आ करैत छै।” मनुष्यके शरीर अा सामुहिक चेतनाके सिद्धान्तके बारेमे कहैत छथि जे जाहि सिद्धान्तके पोथीमे डारि लगाएल गेल अछि अोहिमे शरीरके एसीई-2 रिसेप्टर्सके बलुवार बनबके शक्ति छै। एसीई-2 एक रंगके एंजाइम छै जे मनुष्य शरीरके hearts , lungs , kidney – – – etc मे कोशिकाके सँग रहैत छै।रिसेप्टर गंभीर सांस सम्बन्धि बनबाला कोरोना वायरसके लेल प्रभावी छै। एसीई-2 रिसेप्टर्सके नियंत्रित आ दुरुस्त करबाला सामुहिक चेतनाके विज्ञान क्वान्टम फिजिक्सके अवधारणा पर आधारित छै। यदि अपने सभ सामुहिक रुपमे शरीरमे कोरोना वायरसके नहि रहदेबके निर्णय लैत छी त अपन सभहक सामुहिक चेतना अकरा सुनिश्चित करमे मदत करत।
रसायन विज्ञान सेहो पुष्टि करैत अछि जे सरिसोके तेलमे एहन तत्व छै जकर ज्वलन आ वातावरणमे रहल रसायन सँ प्रतिक्रिया स्वरुप विषधर चीज कीरामाकुर,रोगाणु, किटाणु आदिके मारके शक्ति होइत छै। महामारीके अंत करके छै ।जगके जोगबके छै। मानव कल्याणमे लागके छै। तँ शुभ काजमे देर किया? सँग मिलिक चलु दीप जराबी।

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